तुकांत शब्द का अर्थ – Tukant Shabd ka Arth
जिन शब्दों का अंत वाला अक्षर समान होता है उन्हें तुकांत शब्द (Tukant Shabd) कहते है। जैसे- ’’आना-जाना’’ इसमें ’ना’ शब्द तुकांत शब्द है। इन तुकांत शब्दो के माध्यम से आप कविता, शायरी, दोहा, साखिया जैसे गायन वाले वाक्यों मे आकर्षक उत्पन्न कर सकते है। इन शब्दों से कविता. शायरी एवं दोहा जैसे काव्यों का आनंद बढ़ जाता है।
बहरहाल आप तुकांत शब्द का प्रयोग छोटे पैमाने पर निबंधो मे भी कर सकते है। जो आपके निबंध को बेहतर बनायेगा।
तुकांत शब्द का उपयोग- Tukant Shabd Ka Upayog
तुकांत शब्दों का उपयोग हिंदी साहित्य और काव्यों में सुन्दरता लाने के उद्देश्य से होता हैं| तुकांत शब्द दोहों, और पद्य की शोभा बढ़ाते हैं. इसके साथ ही फ़िल्मी गानों में भी लय, सुर और ताल को बनाए रखने के लिए तुकांत शब्द का प्रयोग होता हैं. जिसके उदाहरण निचे दिए गए हैं।
उदाहरण – Tukant Shabd ka Udaharan
फूल- भूल, धूल, शूल
चंदन – नंदन, वंदन
कच्चा – बच्चा, सच्चा
जाल – थाल, माल, साल
झोली – बोली, गोली
मटका- लटका, झटका, अटका
खटिया- मचिया, तकिया
मीरा – जीरा, शीरा, खीरा, हीरा
राजू – काजू, बाजू
झोला- गोला, भोला
रानी – पानी, नानी
कैसा – जैसा, वैसा, पैसा
शोर – मोर, भौर, जोर
पगड़ी- रगड़ी, तगड़ी, झगड़ी
पाना- खोना, रोना, सोना
दाना- नाना, खाना, पाना
राजा- बाजा, ताजा
सितार – गिटार, विचार, विकार
मिलना – खिलना, जुलना
कौन – मौन, सौन
माला- काला, साला, पाला, ताला
बाल- लाल, खाल, साल
आया- गाया, खाया, भाया
पक्की – चक्की मक्की
रंग- अंग, संग, भंग
नीला – पीला, गीला
नथ- पथ, रथ
चल- पल, नल, जल
चुनना – सुनना, बुनना
थल – बल, छल, चल
आम- नाम, काम, राम
माता – छाता, दाता
आम- नाम, काम, दाम
शादी- दादी, खादी
ककड़ी – मकड़ी, लकड़ी
नौका – मौका, चौका
कचौड़ी- पकौड़ी, भगौड़ी
हार – मार, कार, तार, थार, लार
मुरारी – सुरारी, कुमारी, पुजारी
कुल – खुल, घुल
तुकांत शब्दों की विशेषताएँ – Tukant Shabdo ki Visheshtaen
- तुकांत शब्द की मुख्य सहायता काव्य (कविता, दोहा, शायरी, आदि) को सजाने मे होती है।
- इन शब्दों के कारण कविता में रूकावट नहीं आती है और प्रवाह बना रहता है।
- तुकांत शब्द शब्दो मे आकर्षण उत्पन्न करते है।
- तुकांत शब्द का प्रयोग मुख्यरुप से काव्य संग्रह मे किया जाता है।
तुकांत शब्द और अतुकांत शब्दों में अंतर – Tukant Shabd and Atukant Shabd me Antar
तुकांत शब्द यह शब्द कविता की पंक्तियों के अंत में समान ध्वनि वाले शब्दों के रूप में होते है। इन शब्दों से शब्द या शब्दों के अंत के बीच ध्वनि का संयोजन होता है। इन शब्दों का इस्तेमाल छोटी कविताओं में किया जाता है। इसमें दो या दो से अधिक शब्दों में समान ध्वनि की पुनरावृति होती
वह देखो माँ आज
तुकांत शब्द – Tukant Shbad
खिलौनेवाला फिर से आया है
कई तरह के सुंदर-सुंदर
नए खिलौने लाया है।
अतुकांत शब्द- ये शब्द बिना तुक के होते है। इन शब्दों से बनी कविता में ध्वनियाँ परवर्तित होती रहती है। कविता लयबद्ध नहीं होती है। जैसे-
निकले हुये हैं
अतुकांत शब्द – Atukant Shabd
भयावह सर्पों के
समूह
तफरीह के लिये
ऐसे में
कंघी, पाउडर, लिपस्टिक
रखो न रखो
सतर्क, सशक्त, सुदृढ़
साहस………
जरूर रख लेना
पर्स में
घर से निकलते हुए…
इस आर्टिकल को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको तुकांत शब्दों के बारे में विस्तार से और सरल भाषा में ज्ञान देना हैं. इस आर्टिकल में हमने विभिन्न उदहारण भी डाले हैं. जो आपको पाठ को समझने में मदद करते हैं. तुकांत शब्द हिंदी साहित्य का महत्वपूर्ण भाग हैं. जो काव्य की शोभा को बढाता।
आज के आर्टिकल में हमनें हिंदी व्याकरण के अंतर्गत तुकांत शब्द (Tukant Shabd) को अच्छे से पढ़ा ,हम आशा करतें है कि आप इसे अच्छे से समझ गए होंगे …धन्यवाद