मानसून का अर्थ एक ऐसे वृहद प्रभावशाली पवनों से है जो किसी क्षेत्र के जलवायु मे परिवर्तन करते है। इस शब्द की उत्पत्ति अरबी भाषा से हुआ है। जिसका समान्य अर्थ ऋतु परिवर्तन होता है। सर्वप्रथम मानसून की खोज अरब भूगोलवित्ता अल मसूरी द्वारा किया गया था। एवं हिप्पोलस ने मानसून शब्द दिया था।
मानसून से जुडे प्रश्न अधिकांश प्रतियोगी प्रतियोगी परिक्षायों जैसे- SSC, UPSC, UPSSSC, MPSC, BPSC, Group D, आदि मे पूछे जाते है। इन परीक्षाओ को ध्यान मे रखकर मानसून की जानकारी दी गई है। साथ ही आप लेख पढने के बाद, अभ्यास प्रश्न की सहायता से अपना आकलन भी कर सकते है।
मानसून क्या है ?
मानसून एक वृहद प्रभावोत्पादक मौसमी पवन है। जो ग्रीष्म काम मे दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर चलती है। तथा शीतकाल मे उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम की ओर चलती है। इन मानसूनी पवनो को क्रमश: दक्षिणी-पश्चिमी मानसून एवं उत्तरी-पूर्वी मानसून कहा जाता है।
अर्थात- दक्षिण-पश्चिम से चलने वाली हवायों को दक्षिणी-पश्चिमी मानसून तथा उत्तर-पूर्व से चलने वाली हवायो को उत्तरी-पूर्वी मानसून या लौटती हुई मानसून भी कहा जाता है। Read – हरित क्रांति क्या है?
दक्षिण-पश्चिम मानसून क्या है?
दक्षिण-पश्चिमी मानसून ग्रीष्म काल मे उत्पन्न दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर चलने वाली मौसमी पवनों को कहा जाता है। यह भारत के मानसून की मुख्य पवने होती है। जो जून से शुरु होकर लगभग मध्य अक्टूबर तक बनी रहती है। यह पवने लगभग सम्पूर्ण भारत मे 80% से अधिक वर्षा कराती है। जो की औसतन 120cm तक होती है।
इसलिये दक्षिण-पश्चिम मानसून को भारत की मुख्य मानसून कहाँ जाता है। जिसका आगमन 1 जून से 5 जून के दर्मियान सर्वप्रथम केरल राज्य मे होता है। यह मानसून 15 जूलाई तक सम्पूर्ण भारत मे फैल जाता है। और वर्षा करता है।
लौटता मानसून क्या है?
उत्तरी पूर्वी मानसून को लौटती हुई मानसून कहाँ जाता है। क्योकी इसकी दिशा मुख्य मानसून द०प० मानसून के दिशा से विपरीत होता है।
लौटते मानसून के दौरान बारिश की मात्रा कम होती है लेकिन इस मौसम के लिए बारिश अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। यह दक्षिणपश्चिम मानसून से बाकी भारतीय उपमहाद्वीप में शुष्कता को कम करता है और कृषि उत्पादन को बढ़ावा देता है। इसलिए, लौटते मानसून का नियमित रूप से मॉनिटरिंग और समझना महत्वपूर्ण है।