गणित सभी आयु के विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन विशेषकर बच्चों के लिए गणित का अध्ययन उनके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आज हम इस लेख में अभाज्य संख्या (prime number) किसे कहते है तथा इसके प्रमुख उदाहरण को जानेंगे, भाज्य या अभाज्य संख्या जैसी अन्य संख्याएं गणित के संख्या पध्दति (Number System) के अंतरगर्त आती है इसलिए कक्षा 6, 7, 8 और 9 के विद्यार्थियों के लिए संख्या प्रणाली या पध्दति का अध्ययन कराना महत्वपूर्ण होता है।
अभाज्य संख्या किसे कहते है? (Abhajya sankhya kise kahate hain)
1 से बड़ी ऎसी प्राकृत संख्याएँ, जो स्वयं या 1 के अलावा किसी से विभाजित नही होती है वे अभाज्य संख्याएँ (Abhajya sankhya) कहलाती है जैसे- 2, 3, 5, 7, 11, 13, 17, 19…
ध्यान दे- परिभाषा के अनुसार 1 (एक) को अभाज्य संख्या नहीं माना जाता है। क्योकि 1 न तो भाज्य संख्या है और न ही अभाज्य संख्या
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1 से 100 तक की अभाज्य संख्या (1 se 100 tak abhajya sankhya)
- 2
- 3
- 5
- 7
- 11
- 13
- 17
- 19
- 23
- 29
- 31
- 37
- 41
- 43
- 47
- 53
- 59
- 61
- 67
- 71
- 73
- 79
- 83
- 89
- 97
1 से 200 तक की अभाज्य संख्या
1 से 200 तक की अभाज्य संख्याये निम्नलिखित है ध्यान रहे की अभाज्य संख्याएँ 1 (एक) और स्वयं के अलावा किसी से विभाजित नही होती है साथ ही विद्यार्थियों को यह भी याद रखना अनिवार्य है की 1 अभाज्य संख्या नही है. 1 से 200 तक की अभाज्य संख्याएँ नीचे डी गई है.
1 se 200 tak abhajya sankhya: 2, 3, 5, 7, 11, 13, 17, 19, 23, 29, 31, 37, 41, 43, 47, 53, 59, 61, 67, 71, 73, 79, 83, 89, 97, 101, 103, 107, 109, 113, 127, 131, 137, 139, 149, 151, 157, 163, 167, 173, 179, 181, 191, 193, 197, 199
अभाज्य संख्या चेकर (Prime Number Checker)
आप नीचे दिए गए Prime Number Checker में अंक डालकर चेक कर सकते है की वह अभाज्य संख्या (Prime Number) है या नही, उदाहरण के लिए अगर आप 101 अंक को जानना चाहते है की यह भाज्य संख्या है या अभाज्य संख्या तो नीचे खाली स्थान पर 101 लिखे और check पर क्लिक करे, उत्तर आपके सामने होगा, एक बार जरुर प्रयास करे|
Prime Number Checker
अभाज्य संख्या का इतिहास (History of Prime Number/Abhajya sankhya)
अभाज्य संख्या का इतिहास वर्षो पूराना है सर्वप्रथम अभाज्य संख्या की जानकारी ३०० ईसापूर्व मे लिखी "एलिमेंट्स" पुस्तक से मिलती है जिसके लेखक प्राचीन यूनान के गणितज्ञ "यूक्लिड" है लेकिन अभाज्य संख्या अगला सूत्र पियेरे डे फरमैट द्वारा दिया है। उन्होने बताया की अभाज्य संख्या का अनुमान ( 2^2^n +1) फार्मूला से लगाया जा सकता है जहाँ n एक प्राकृतिक संख्या है लेकिन यह सूत्र कुछ ही अंको पर कार्य करता था. अत: यह सर्वमान्य सूत्र न बन सका।
वर्तमान मे अभाज्य संख्या की गणना का श्रेय जर्मनी के वैज्ञानिक (scientist) जोहान्न कार्ल फ्रेडरिक ग़ौस्स को जाता है। हालाकि वर्तमान मे भी अभाज्य संख्या की गणना का कोई प्रमुख फार्मुला नही है।