जैसा की नाम से ही प्रतीत हो रहा है की एक अर्थ या समान अर्थ बताने वाले शब्द एकार्थक शब्द होते है। या समान्य शब्दो मे समझे तो एकार्थक शब्द वे होते हैं जो किसी वाक्य का अर्थ एक ही शब्द में व्यक्त करते हैं।
उदाहरण के लिए – “विजयी” शब्द एकार्थक “जीतने वाला” होता है। तथा, “अनुभवी” एकार्थक शब्द का अर्थ “अनुभव से युक्त” है। हमने नीचे कई एकार्थक शब्दो का संग्रह किया है। 100 एकार्थक शब्द
100 एकार्थक शब्द
- पुत्र- अपना बेटा
- प्रदान- बड़ों की ओर से छोटों को
- प्रार्थना- ईश्वर या बड़ों के लिए
- भिन्न- अलग होना
- भ्रम- जो नहीं है उसे मान बैठना
- सुहृद्- अच्छा हृदय रखनेवाला।
- स्त्रेह-छोटों के प्रति प्रेमभाव रखना।
- अनुभव- अभ्यासादि द्वारा प्राप्त ज्ञान
- अनुभूति- चिन्तन-मननादि द्वारा आंतरिक ज्ञान
- अभिज्ञ- अनेक विषयों का ज्ञानी
- अस्वाभाविक- प्रकृति-विरुद्ध
- अनभिज्ञ- जिसे पता न हो
- अज्ञात- जिसका पता न हो
- अपरिचित- नावाकिफ
- आशंका- जान जाने का खतरा
- अर्पण- अपने से बड़ों के लिए
- अन्वेषण- अज्ञात पदार्थ स्थानादि का पता लगाना
- अनुसंधान- छानबीन, जाँच-पड़ताल
- अशुद्धि- लायी गई भूल
- आधि- मानसिक कष्ट
- आगामी- आगे आनेवाला समय
- आसक्ति- मोहजनित प्रेम को ‘आसक्ति’ कहते है।
- अन्तःकरण- विशुद्ध मन की विवेकपूर्ण शक्ति।
- अनबन- दो व्यक्तियों का आपस में न बनना
- अमूल्य- जिसकी कीमत कोई न दे सके
- अर्चना- धूप, दीप, फूल, इत्यादि, से देवता की पूजा।
- अभिनन्दन- किसी श्रेष्ठ का मान या स्वागत।
- उपादान- किसी पदार्थ के निर्माण करने की साम्रगी
- उदाहरण- किसी बात को सिद्ध करने के दिया गया प्रमा
- अभिलाषा- किसी विशेष वस्तु की हार्दिक इच्छा।
- पाप- नैतिक नियमों का उल्लंघन ‘पाप’ है। जैसे- झूठ बोलना।
- पूजनीय- पिता, गुरु या महापुरुषों के प्रति सम्मानसूचक शब्द।
- पीड़ा- रोग-चोट आदि के कारण शारीरिक ‘पीड़ा’ होती है।
महत्वपूर्ण एकार्थक शब्द
- अहंकार- मन का गर्व। झूठे अपनेपन का बोध।
- अनुरोध- अनुरोध बराबरवालों से किया जाता है।
- अपयश- स्थायी रूप से दोषी होना।
- उत्साह- काम करने की बढ़ती हुई रुचि।
- कलंक- कुसंगति के कारण चरित्र पर दोष लगाना।
- खटपट- दो पक्षों के बीच झगड़ा
- ग्लानि- किसी पाप या अपराध का अफ़सो
- प्रणाम- बड़ों को ‘प्रणाम’ किया जाता है।
- अलौकिक- उत्तम गुणवाला
- अनुदान- आर्थिक सहायता
- अज्ञेय- जिसका बोध असंभव हो
- अनुरूप-रूप के अनुसार
- अनुकूल- अपने पक्ष के मुताबिक
- पत्नी- किसी की विवाहिता के लिए
- पुलिन- नदी तट की गीली भूमि
- पूजनीय- पिता, गुरु या महापुरुषों के प्रति सम्मानसूचक शब्द।
- पीड़ा- रोग-चोट आदि के कारण शारीरिक ‘पीड़ा’ होती है।
- पत्नी- किसी की विवाहिता के लिए
- पुलिन- नदी तट की गीली भूमि
- परिचर्या- रोगी की सेवा
- प्रतिदान- बदले में कुछ देना
- पारितोषिक- किसी प्रतियोगिता में विजयी को
- पुरस्कार- किसी अच्छे काम के लिए
- परिचर्या- रोगी की सेवा
- प्रतिदान- बदले में कुछ देना
- पारितोषिक- किसी प्रतियोगिता में विजयी को
- पुरस्कार- किसी अच्छे काम के लिए
- शस्त्र- वह हथियार जो हाथ में थामकर चलाया जाता है। जैसे- तलवार।
- सभापति- किसी आयोजित बड़ी अस्थायी सभा के प्रधान को ‘सभापति’ कहते है।
- स्वागत- अपनी सभ्यता और प्रथा के वश किसी को सम्मान देना।
- शोक- किसी की मृत्यु पर दुःखी होना। जैसे- गाँधी की मृत्यु से सर्वत्र शोक छा गया।
- साहस- भय पर विजय प्राप्त करना।
- एकार्थक शब्द
- साधारण- जो वस्तु या व्यक्ति एक ही आधार पर आश्रित हो। जिसमें कोई विशिष्ट गुण या चमत्कार न हो।
- सेवा- गुरुजनों की टहल।
- दीन- निर्धनता के कारण जो दयापात्र हो चुका है।
- दया- दूसरे के दुःख को दूर करने की स्वाभाविक इच्छा।
- दुःख- साधारण कष्ट या मानसिक पीड़ा।
- दक्ष-जो हाथ से किए जानेवाले काम अच्छी तरह और जल्दी करता है। जैसे- वह कपड़ा सीने में दक्ष है।
- देखना- सामान्य अर्थ में
- दर्शन करना- सम्मान अर्थ में
- सामान्य- जो बात दो अथवा कई वस्तुओं तथा व्यक्तियों आदि में समान रूप से पायी जाती हो, उसे ‘सामान्य’ कहते है।
- स्वतंत्रता – ‘स्वतंत्रा’ का प्रयोग व्यक्तियों के लिए होता है। जैसे- भारतीयों को स्वतंत्रा मिली है।
- स्वाधीनता- ‘स्वाधीनता’ देश या राष्ट के लिए प्रयुक्त होती है।
- सखा- जो आपस में एकप्राण, एकमन, किन्तु दो शरीर है।
- सुहृद्- अच्छा हृदय रखनेवाला।
- सहानुभूति- दूसरे के दुःख को अपना दुःख समझना।
- स्त्रेह-छोटों के प्रति प्रेमभाव रखना।
- सम्राट- राजाओं का राजा।
- सम्राट- राजाओं का राजा।
- शुश्रूषा- दीन-दुखियों और रोगियों की सेवा
- संदेह- दुविधा होना
- शंका- शक
- सैकत- नदी तट की रेतीली भूमि
- साथी- जो जीवन भर साथ निभाए
- संकोच- किसी काम के करने में हिचक होना
- संत- पवित्र, निष्काम, निर्विरोध जीवन जीनेवाला
- स्वच्छंदता- नियम पालन नहीं कर स्वच्छंद रहना
- सहयोग- किसी काम को मिल-जुलकर करना
- दुःख- साधारण कष्ट या मानसिक पीड़ा।
- देखना- सामान्य अर्थ में
- दर्शन करना- सम्मान अर्थ में
- दुर्मूल्य- जिसका मूल्य हैसियत से ज्यादा हो
- दर्प- नियम के विरुद्ध काम करने पर भी घमण्ड करना।
- दोष- उचित-अनुचित का भाव
50 100 एकार्थक शब्द
- निर्बला– कमजोर स्त्रियों के लिए
- न्याय- इन्साफ करना
- निर्णय- फैसला करना
- नमस्कार- बराबरवालों के लिए
- नमस्ते- बराबरवालों के लिए
- नायिका– नाटक या उपन्यास की मुख्य नारी
- निमंत्रण- भोजनादि के लिए विशेष बुलावा
- बालक- कोई भी लड़का।
- बड़ा- आकार का बोधक। जैसे- हमारा मकान बड़ा है।
- बुद्धि- कर्तव्य का निश्रय करती है।
- बड़ाई- प्रशंसा
- बड़प्पन- महत्ता, स्वभाव की उच्चता
- बड़ापन- अकार में बड़ा होना
- बचपन- बच्चे की अवस्था
- बन्धु- आत्मीय मित्र। सम्बन्धी।
- मन- मन में संकल्प-विकल्प होता है।
- महिला- भले घर की स्त्री।
- मित्र- वह पराया व्यक्ति, जिसके साथ आत्मीयता हो।
- मृत्यु- सामान्य शरीरान्त को ‘मृत्यु’ कहते है।
- विपरीत- उल्टा होना
- वेदना- शारीरिक कष्ट
- विज्ञ- किसी खास विषय का ज्ञानी
- व्याधि- शारीरिक कष्ट
- बालक- कोई भी लड़का।
- बड़ा- आकार का बोधक। जैसे- हमारा मकान बड़ा है।
- बहुत- परिमाण का बोधक। जैसे- आज उसने बहुत खाया।
- बुद्धि- कर्तव्य का निश्रय करती है।
- बहुमूल्य- बहुत कीमती वस्तु, पर जिसका मूल्य-निर्धारण किया जा सके।
- बड़ाई- प्रशंसा
- बड़प्पन- महत्ता, स्वभाव की उच्चता
- बड़ापन- अकार में बड़ा होना
- व्रीडा- स्वाभाविक लज्जा होना
- विद्रोह- शासन के विरुद्ध कार्य
आज हमने इस लेख मे एकार्थक शब्द पढा, जो छोटी कक्षाओ और प्रतियोगी परीक्षाओ दोनो के लिये अनिवार्य है। यह लेख आपके लिये कितना शिक्षाप्रद रहा कमेंट मे जरुर बताए।