kriya kise kahate hain: क्रिया हिन्दी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण अंग है। जिसे समझना बच्चों के लिए बहुत जरूरी है, क्रिया शब्द का शाब्दिक अर्थ “काम/कार्य” होता है, अर्थात किसी व्यक्ति द्वारा किया जाने वाला काम ही क्रिया कहलातीं हैं।
क्रिया की परिभाषा (kriya ki paribhasha)
जिन शब्दो के द्वारा किसी कार्य को करने या होने का बोध होता है, उसे क्रिया (kriya) कहा जाता है। संस्कृत में क्रिया रूप को धातु कहते हैं। हिंदी में इन धातुओं के साथ ‘ना’ लगता है।
जैसा कि आप सभी जानते होंगे क्रिया के मूल रूप को धातु कहते हैं। किन्तु धातु में प्रत्यय लगाकर क्रिया के विभिन्न रूप बनाएं जातें हैं। जैसे- लिखना, लिखवाना, लिखते हुए, लिखकर आदि सभी क्रिया रूप लिख धातु में प्रत्ययों के योग से बने हैं इस प्रकार क्रिया का मूल रूप धातु है। धातु रूप के साथ ‘ना’ प्रत्यय लगाकर क्रिया का सामान्य रूप बनाया जाता है, जैसे- पढ़ का पढ़ना, लिख का लिखना, खेल का खेलना ,जाग का जागना आदि।
क्रिया किसे कहते हैं? (Kriya Kise Kahate Hai)
क्रिया का अर्थ होता है कार्य करना। प्रत्येक भाषा के वाक्य में क्रिया का बहुत महत्व होता है। प्रत्येक वाक्य को पूरा करने में क्रिया का होना बहुत ही जरूरी है। क्रिया किसी कार्य के करने या उसके होने के बारे में दर्शाती है। जैसे- राम पढ़ रहा है। तो राम पढ़ने का कार्य कर रहा है, अर्थात पढ़ना शब्द क्रिया है।
निचे कुछ क्रिया शब्द का उदाहरण लिखा गया है जैसे – खाना, तैरना, कूदना, सोना, उछलना, मरना, जीना, रोना, हँसता, चलता, दौड़ता, होना, खेलना, बैठना, मरना, घटना, जागना, उछलना, कूदना आदि क्रिया है।
क्रिया के भेद (kriya ke bhed)
कर्म के आधार पर क्रिया के दो मुख्य भेद है।
- सकर्मक क्रिया
- अकर्मक क्रिया
सकर्मक क्रिया (sakarmak kriya)
सकर्मक क्रिया की परिभाषा: जिस वाक्य में कर्ता, कर्म, क्रिया,शब्द आए वह सकर्मक क्रिया होती है। या जिस वाक्य में कर्म की आवश्यकता होती है उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे राधा सेब खा रही हैं। तो राधा, कर्ता है, सेब, कर्म है और खाने का काम क्रिया है . और उदाहरण निम्न है।
- बच्चे गेंद खेल रहे हैं।
- राधा सेब खा रही हैं
- सीता किताब पढ़ रहीं हैं
यहाँ कर्ता, कर्म व क्रिया अलग-अलग है, इसे आप नीचे दिये गये उदाहरण से समझ सकते है।
कर्ता | कर्म | क्रिया |
---|---|---|
बच्चें | गेंद | खेलना |
राधा | सेब | खाना |
सीता | किताब | पढ़ने |
सकर्मक क्रिया का उदाहरण (sakarmak kriya)
- विक्रम व्याकरण पढ़ रहा है।
- शास्त्री जी भारत के प्रधानमंत्री थे।
- महेश क्रिकेट खेल रहा है।
- सुरेश हाकी खेल रहा है।
- राजा राम पुस्तक पढ़ रहा है।
- बच्चे क्रिकेट खेल रहे हैं।
- लड़कियाँ गाना गा रही हैं।
- गीता चाय बना रही है।
- महेश पत्र लिखता है।
- उसी ने सही बोला था।
- राम ही सदा लिखता है।
- अध्यापक छात्रों को पाठ पढ़ा रहा था।
- राम ने कृष्ण को पत्र लिखा।
- आज सभी पतंग उड़ा रहे हैं।
- धनश्याम दूध पी रहा है।
अकर्मक क्रिया (akarmak kriya)
अकर्मक क्रिया की परिभाषा : जिस वाक्य में कर्म की आवश्यकता नहीं होती या यू कहे कर्म छिपा रहता है,, उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं। या जिन शब्दो मे कर्म की आवश्यकता नहीं होती उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे-
उदाहरण- राधा खा रही हैं। राधा कर्ता है और खा रही हैं ये क्रिया है। अत: इस वाक्य में कर्म का पता नहीं है, क्योंकि राधा क्या खा रही ये पता नहीं चल रहा है इसलिए कर्म का पता नहीं है केवल कर्ता और क्रिया है। इसलिये यह अकर्मक क्रिया है। आइए नये तरीके से समझें।
- बच्चे खेल रहे हैं।
- राधा खा रही हैं
- दीपू पढ़ रहा है।
कर्ता | कर्म | क्रिया |
---|---|---|
बच्चें | ? | खेलने |
राधा | ? | खाने |
दीपू | ? | पढ़ने |