कृषि क्या है? अर्थ और प्रकार जाने | What is Agriculture

What is Agriculture: हमारा भारत देश एक कृषि प्रधान देश है क्योकि हमारे देश की अधिकांश जनसंख्या कृषि पर निर्भर है, देश की जलवायु. मिट्टी और कृषि पध्दति मे अंतर होने के कारण, यहाँ भिन्न-भिन्न की फसले उगाई जाती है.

What is Agriculture
Indian Agriculture Image

समान्यत: कृषि का मुख्य उद्देश्य खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करना होता था लेकिन वर्तमान मे कृषि, वाणिज्यिक रुप मे भी प्रयोग किया जाता है जिससे समाज को आर्थिक प्रगति में योगदान मिलता है. आज भी गाँव में कृषि को आजीविका का, एक महत्त्वपूर्ण साधन माना जाता है। आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 की रिपोर्ट के अनुसार, कृषि का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में लगभग 16% योगदान है.

कृषि के प्रकार (Types of Agriculture)

कृषि को मुख्यरूप से दो भागो में बाटा जाता है.

  1. निर्वाह कृषि
  2. वाणिज्यिक कृषि

निर्वाह कृषि

निर्वाह कृषि का तात्पर्य जीवन व्यापन के लिए की जाने वाली कृषि से है अर्थात जब कोई किसान पारंपरिक रूप से, पारिवारिक श्रम द्वारा कृषि करता है तो उस निर्वाह कृषि कहते है, मुख्यरूप से यह कृषि आजीविका चलाने हेतु की जाती है यह दो प्रकार का होता है.

Also Read- रैयतवाड़ी व्यवस्था क्या है?

गहन निर्वाह कृषि

इस प्रकार की कृषि (Agriculture) में किसान छोटे भूखंड पर अधिकतम उत्पादन प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। अर्थात भूमि पर जनसंख्या का दबाव अधिक होता है यह खेती मुख्यतः परिवार की आजीविका चलाने हेतु की जाती है. गहन निर्वाह कृषि की विशेषता निम्नलिखित है.

गहन निर्वाह कृषि में छोटे-छोटे भूखंडों का उपयोग किया जाता है, तथा किसान एक ही खेत में एक साल में एक से अधिक फसलों की खेती करते हैं, जिससे खेत की उर्वरता में कमी आती है तथा पारंपरिक विधिया अपनाने के कारण मशीनों की अपेक्षा मानव श्रम का अधिक उपयोग होता है। यह कृषि आमतौर पर उन क्षेत्रों में की जाती है जहाँ जनसंख्या का घनत्व अधिक और खेती की जमीन कम होती है।

आदिम निर्वाह कृषि

आदिम निर्वाह कृषि भी 2 प्रकार की होती है. 1. स्थान्तरणशील कृषि 2. चलावासी पशुचारण

स्थान्तरणशील कृषि- स्थान्तरणशील कृषि का तात्पर्य एक जगह से दूसरे जगह कृषि करने से होता है अर्थात इस प्रकार की कृषि में स्थायी का अभाव होता है इस प्रकार की कृषि में किसान किसी स्थान को साफ़ करके (पेड़-पौधे, झाड़िया आदि) वहां कृषि करते है और जब भूमि की उत्पादकता कम हो जाती है तो दूसरे स्थान पर पलायन कर जाते है यह प्रक्रिया ऐसे ही चलती रहती है, इसलिए इसे झूम कृषि भी कहते है.

चलावासी पशुचारण- इस प्रकार की कृषि में किसान अपने पशुयों के चारो के लिए दूर-दूर तक सफ़र करते है और अनुकूल दशाओं के अनुसार स्थान परिवर्तन करते रहते है.

सिन्धु घाटी सभ्यता की विशेषताए

पर्यावरण किसे कहते है?

वाणिज्यिक कृषि

वाणिज्यिक कृषि (Agriculture) का तात्पर्य व्यापार के लिए की जाने वाली कृषि से है, प्राय: इस प्रकार की कृषि बड़े भू-खंड और मशीन द्वारा कराई जाती है वाणिज्यिक कृषि को तीनो भागो में बाटा जाता है.

  1. मिश्रित कृषि
  2. वाणिज्यिक अनाज कृषि
  3. रोपण कृषि

इनके अलावा कृषि (Agriculture) के अन्य प्रकार भी होते है जैसे- पशुपालन कृषि, गहन कृषि, चक्रीय कृषि आदि, आगे के लेख में कृषि के अन्य सभी प्रकारों का विस्तार से वर्णन करेंगे, अत: हमें फालो करना ना भूले. Join us

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top