भूगोल किसे कहते हैं? (परिभाषा & जनक) | bhugol kise kahate hain

भूगोल को अंग्रेजी मे Geography कहते है यह विज्ञान की एक शाखा है जो पृथ्वी के भू-स्वरूप, उसके विभिन्न भूभागों के गुणधर्म, जलवायु, वनस्पति, वन्यजीव, भूमि आदि का अध्ययन किया जाता है।

भूगोल चित्र

इसलिये विद्यार्थियों को भूगोल पढ़ना जरुरी है साथ ही यह हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करता है मुख्यत: हमारे वातावरण मे हो रहे परिवर्तनों जैसे प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, और वन्यजीव संरक्षण जैसे ग्लोबल और स्थानीय मुद्दों की जानकारी प्रदान करता है ताकि समय रहते उचित कदम उठाये जा सके।

भूगोल किसे कहते हैं ? (bhugol kise kahate hain)

भूगोल की परिभाषा: भूगोल एक ऐसा विषय है इसके अंतरगर्त हम पृथ्वी के स्वरूप अर्थात जलवायु, वनस्पति, वन्यजीव, भूमि आदि का अध्ययन तथा विवेचना करते है। इसके अध्ययन मानव समा के लिये बेहद अनिवार्य होता है यही कारण है कि सभी देशों के पास पर्यावरणीय से सम्बंधित अनेकों अनुसंधानिक संस्थाए है जो हमें पर्यावरण को समझने में मदद करती है और साथ ही हमे अन्य महत्वपूर्ण सूचनाए भी प्रदान करती है।

भूगोल एक व्यापक शब्द है जिसका पर्याय भू+गोल अर्थात पृथ्वी गोल से है. नीचे हमने महत्वपूर्ण लोगो द्वारा भूगोल पर कहे गये विचारों को संग्रहित किया है।

एल० डी० स्टाम्प के अनुसार – भूगोल, मानव के निवास के रूप में पृथ्वी का वर्णन है।

अल्फ्रेड हैटनर के अनुसार – भूगोल धरातल अर्थात पृथ्वी के विभिन्न भागो मे कारणात्मक (कारण युक्त या तार्किकता से) सन्बन्धित तथ्यो मे भिन्नता का अध्ययन करता है।

रिचर्ड हार्टशोर्न के अनुसार – भूगोल का उद्देश्य धरातल अर्थात पृथ्वी की प्रादेशिक भिन्नता का वर्णन अर्थात व्याख्या है।

भूगोल के जनक- इरेटोस्थनीज को माना जाता है।

अगर आप भूगोल का अध्ययन कर रहे है तो आपका मुख्य उद्देश्य भूगोलिक प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, वन्यजीव संरक्षण, नागरिकीकरण, और विभिन्न भूगोलिक प्रक्रियाओं के प्रभाव का अध्ययन करना होना चाहिए।

भूगोल के प्रमुख प्रकार

1) भौतिक भूगोल: यह भूगोल की वह शाखा है जिसमे प्राकृतिक पर्यावरण अर्थात पृथ्वी के पर्यावरण से सम्बंधित अध्ययन किया जाता है, इस शाखा मे पृथ्वी कि भू-आकृति, नदिया, महासागर आदि शामिल हैं। 

2) जलवायु विज्ञान: यह भूगोल की वह शाखा है जिसमे जलवायु और जलवायु पैटर्न के सम्बंधित अध्ययन या विवेचना की जाती है। इस शाखा मे मौसम, जलवायु, और तापमान की अधिकता और न्यूनता, वायुमंडल, बारिश, हवा की गति, बर्फबारी, और अन्य मौसम और जलवायु सम्बंधित विषयों का अध्ययन किया जाता है।

जलवायु विज्ञान विशेष रूप से जलवायु की वितरण, मौसम के पैटर्न, और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अध्ययन कराता है। जैसे कि वर्तमान समय मे ग्लोबल वार्मिंग एवं अचानक जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे इसी शाखा के अंतरगर्त आते है।

3) भू-आकृति विज्ञान: यह भूगोल की वह शाखा है जिसमे भू-आकृतियों का अध्ययन कराया जाता है, मुख्यरुप से यह पृथ्वी की सतही परिपर्णता, भू-आकृति, और भू के बदलाव का अध्ययन कराती है। यह विज्ञान उपग्रह द्वारा भेजी गये चित्रों, टॉपोग्राफिक मानचित्रों, जलवायु परियोजनाओं, और अन्य भूगोलिक डेटा का उपयोग करके पृथ्वी की सतह के विभिन्न आकृतियों और उनके बदलावों का अध्ययन करता है।

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भूगोल के अन्य प्रकार जैसे- समुद्र विज्ञान, पर्यावरण भूगोल, मानव भूगोल, सांस्कृतिक भूगोल, भू-राजनीति, पर्यटन का भूगोल, क्षेत्रीय भूगोल, शहरी भूगोल, संचार का भूगोल आदि

भूगोल के मूल तत्व क्या हैं?

जैसा कि हमने जाना कि पृथ्वी के स्वरुप के अध्ययान जैसे जलवायु, वनस्पति, भूमि आदि सभी पर्यावरणीय घटक भूगोल के तत्व कहे जा सकते है जैसे- जलवायु, वनस्पति, पर्वत, भूमि, नदिया, खनिज, कृषि, आदि।

भूगोल पढ़ना क्यों आवश्यक है?

भूगोल पढ़ना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करता है और हमारे वातावरण मे घट रही विभिन्न घटनाओ जैसे- प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, और वन्यजीव संरक्षण आदि के प्रति सचेत करता है तथा इनको बचाने का उपाय सुझाता है.

  1. भूगोल हमें पर्यावरण के संरचना, प्रक्रिया, जैसे आदि जटिल संबंधों को समझने में मदद करता है, जिससे हम अपने पर्यावरण के प्रति जागरूक बन उसकी सुरक्षा और संरक्षण कर पाते है।
  2. भूगोल का अध्ययन करने से हमें जलवायु परिवर्तन के कारण व उसके प्रभावों के पूर्वानुमान करने में मदद करती है, जिसके परिणाम स्वरुप हम संभावित प्रभावों बच पाते है।
  3. भूगोल का अध्ययन हमें जल संसाधन के उपयोग, प्रबंधन, और संरक्षण के बारे में जानकारी प्रदान करता है।

निष्कर्ष: इस लेख मे हमन भूगोल क्या है, भूगोल की परिभाषा, भूगोल के प्रकार व आवश्यक जानकारीया प्राप्त की। यह लेख आपके लिये कितना उपयोगी रहा कमेंट मे हमे जरुर बताये।

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