संज्ञा हिंदी व्याकरण का अति महत्वपूर्ण अध्याय है, क्योंकि हिंदी व्याकरण के लगभग प्रत्येक अध्याय में संज्ञा की भूमिका रहती है। संज्ञा विशेष रूप से एक विकारी शब्द है, जिसका अर्थ नाम होता है। इस संसार की प्रत्येक वस्तु या व्यक्ति का नाम संज्ञा होता है।इस लेख में हम संज्ञा के बारे में विस्तार पूर्वक बता रहे हैं। अतः लेख को ध्यान पूर्वक पढ़िए।
संज्ञा किसे कहते है ?
किसी व्यक्ति, वस्तु,,स्थान, अथवा भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं। संज्ञा को निम्नलिखित 5 भागो मे बाटा गया है। 1. व्यक्तिवाचक संज्ञा 2. जातिवाचक संज्ञा 3. भाववाचक संज्ञा 4. द्रव्यवाचक संज्ञा 5. समूहवाचक संज्ञा ।
किसी भी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी के नाम को दर्शाने वाले शब्द को संज्ञा शब्द कहते हैं.
अगर आप ध्यानपूर्वक संज्ञा के प्रकारों को पढें तो, इनके नाम से ही इनकी परिभाषा समझ सकते है। जैसे व्यक्तिवाचक संज्ञा किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु एवं स्थान का बोध कराता है। इसी प्रकार अन्य भेदो की भी परिभाषा है। जिनका विस्तार नीचे उल्लेखित है।
संज्ञा के भेद / प्रकार
संज्ञा के 5 भेद/प्रकार होते है। जो निम्नलिखित है।
- व्यक्तिवाचक संज्ञा
- जातिवाचक संज्ञा
- भाववाचक संज्ञा
- द्रव्यवाचक संज्ञा
- समूहवाचक संज्ञा
व्यक्तिवाचक संज्ञा
जिन संज्ञा शब्दों से किसी विशेष व्यक्ति वस्तु, स्थान, अथवा प्राणी का बोध होता है उसे व्यक्ति वाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे– रामायण, गीता,आगरा, वृन्दावन, श्रीं कृष्ण, महत्मा गांधी, शेर इत्यादि।
स्वयं को जांचे – व्यक्तिवाचक संज्ञा किसे कहते है। उदाहरण सहित समझाये ?
जातिवाचक संज्ञा
जिस संज्ञा शब्दों से किसी प्राणी, वस्तु तथा स्थान की सम्पूर्ण जाति का बोध हो, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। अर्थात जिन संज्ञा शब्दो से हमे किसी जाति
जैसे– मनुष्य, पशु, मकान, स्कूल, शहर, गांव, आदि
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भाव वाचक संज्ञा
जिस संज्ञा शब्दों से किसी गुण, दोश स्वभाव, अथवा दशा का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे- इमानदारी, नम्रता, मिठास, आलस्य, बीमारी, बुढ़ापा आदि
द्रव्य वाचक संज्ञा
जिस शब्द से किसी धातु अथवा द्रवित होने वाले पदार्थ का बोध हो उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे- तेल,घी,मोम,सोना चांदी,
समूहवाचक संज्ञा
वे संज्ञा शब्द, जो किसी समूह या समुदाय विशेष की स्थिति को प्रकट करते हैं उन्हें समूहवाचक संज्ञा या समुदाय वाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे: कक्षा, संसद, भीड़, ढेर, दल, सेना, सभा, परिवार, कक्षा, मेला, सेना, पुलिस इत्यादि. यहाँ सभी शब्द एक समूह का बोध करवाते हैं। अतः संसद, भीड़, ढेर, दल, सेना, सभा, परिवार, कक्षा, मेला, सेना, पुलिस आदि समूहवाचक संज्ञा है।