संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते है या जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते है उसे विशेषण (visheshan) कहते है इनसे हमें संज्ञा या सर्वनाम की गुण, मात्रा, संख्या, स्थिति, आकार, रंग आदि का बोध होता है। जैसे की दीप गोरा है यहाँ गोरा विशेषण है. आइये विस्तार से जाने की विशेषण किसे कहते है? (visheshan kise kahate hain)|
विशेषण की परिभाषा (visheshan ki paribhasha)
जिन शब्दों से हमें संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता का बोध होता है उसे विशेषण (visheshan) कहते है. यह विशेषता संज्ञा या सर्वनाम के रूप, रंग, स्वभाव, आकार, अवस्था, स्थिति, मात्रा, गणना, आदि का बोध कराता है.
सरल शब्दों में विशेषण को समझे तो, जिन शब्दों से हमें किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता का बोध होता है उन्हें ही विशेषण कहते है, जैसे- राम मोटा है. इस शब्द में मोटा शब्द विशेषण है विशेषण के अन्य उदाहरण निम्नलिखित है.
विशेषण के उदाहरण
विशेषण (visheshan) के उदाहरण निम्नलिखित है, जो शब्द हाईलाइट है वे शब्द विशेषण है.
- दीप 15 वर्ष का है.
- मोहन सबसे ईमानदार लड़का है.
- कविता सुन्दर लड़की है.
- वे विद्वान व्यक्ति है.
- विजय लंबा लड़का है.
- मुझे थोड़ा पानी पीना है.
- सोहन निर्दयी है
- फ्रीज में पके केले है.
- मै गाड़ी तेज चलाता हूँ.
- मेरा स्वास्थ्य ठीक नही.
विशेषण के प्रकार (visheshan ke prakar)
विशेषण के मुख्य रूप से 4 प्रकार होता है.
- गुणवाचक विशेषण
- परिणामवाचक विशेषण
- सार्वनामिक विशेषण
- संख्यावाचक विशेषण
गुणवाचक विशेषण (Gunavachak visheshan)
जिन विशेषण से हमे संज्ञा या सर्वनाम के रंग, रूप, गुण, दोष, दशा, आकार, आदि का बोध होता है उसे गुणवाचक विशेषण कहते है, जैसे- वह कमजोर लड़का है– इस वाक्य में कमजोर गुणवाचक विशेषण है इसके अन्य उदाहरण निम्नलिखित है.
- यह एक सुंदर बगीचा है। (विशेषण- सुन्दर)
- मोहन एक बुद्धिमान लड़का है। (विशेषण- बुद्धिमान)
- यह कछुआ बहुत धीमा है। (विशेषण- धीमा)
- यह कपड़ा बहुत हल्का है। (विशेषण- हल्का)
- यह नदी बहुत गहरी है। (विशेषण- गहरी)
- यह एक महंगा फोन है। (विशेषण- महँगा)
- यह पानी बहुत ठंडा है। (विशेषण- ठंडा)
परिणामवाचक विशेषण (Parinamavachak visheshan)
जिन शब्दों से हमें परिणाम का बोध होता है उसे परिणामवाचक विशेषण कहते है जैसे की- यह चित्र बहुत आकर्षक है, इस वाक्य में आकर्षक परिणामवाचक विशेषण है,
परिणामवाचक विशेषण के दो भेद होते है 1. निश्चित परिणामवाचक विशेषण, और 2.अनिश्चित परिणामवाचक विशेषण, जिनसे हमें निश्चित परिणाम का बोध होता है उसे अनिश्चित परिणामवाचक विशेषण तथा जिनका निश्चित परिणाम का बोध ना हो अर्थात अनिश्चित हो, उसे अनिश्चित परिणामवाचक विशेषण कहते है इसके उदाहरण निम्नलिखित है.
- मेरे पास 1 लाख रूपए है (निश्चित परिणामवाचक विशेषण)
- मेरे पास बहुत पैसे है (अनिश्चित परिणामवाचक विशेषण)
- विजय के पास लाला-पीला-नीला शर्ट है (निश्चित परिणामवाचक विशेषण)
- विजय के पास बहुत रंग के शर्ट है. (अनिश्चित परिणामवाचक विशेषण)
सार्वनामिक विशेषण (Sarvanamik visheshan)
सार्वनामिक विशेषण वे विशेषण होते हैं जो किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता को दर्शाते हैं और अक्सर सर्वनाम के रूप में प्रयोग किए जाते हैं। उदाहराण-
- यह मेरा घर है
- यह हमारा विद्यालय है
- प्रत्येक बच्चा कंप्यूटर नही चला पाता
संख्यावाचक विशेषण (sankhyavachak visheshan)
जिन शब्दों से हमें संख्या का बोध होता है उसे संख्या वाचक विशेषण कहते है जैसे- इस बार के कुम्भ मेले 1 लाख लोग आये थे, यहाँ 1 लाख संख्यावाचक विशेषण है.
संख्यावाचक विशेषण के प्रकार, 1. गणनावाचक 2. समुदायवाचक, 3. क्रमवाचक, 4. आवृतिवाचक, 5. प्रत्येकबोधक, उदाहरण –
- 5 लोग कुर्सी पर बैठे है.
- यहाँ हर एक विद्यार्थी कुछ हाशिल करने आया है
- पहले व्यक्ति का नंबर जल्दी आयेगा.