आज के इस लेख में आप लोकोक्तियां (lokoktiyan) पढ़ेंगे, लोकोक्तियां हिन्दी व्याकरण का महत्त्वपूर्ण विषय है जिसके बारे में अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछा जाता है।
आप अपने गांव में ऐसे कई लोगों को देखें होंगे जो अपनी बातों को सबसे अलग तरीकों से या यूं कहें अलग अंदाज में करते हैं। उनके बात करने का ढंग सबसे अलग रहता है ऐसे लोग की कथन को कहावत व महापुरुषों द्वारा कहे गए कथन को लोकोक्तियाँ (lokoktiyan) कहते हैं। ऐसे लोग बात चीत करते समय लोकोक्तियाँ का प्रयोग अपनी बातों में किया करते हैं।
आज हम आप सबके के लिए कुछ प्रसिध्द लोकोक्तियाँ लेकर आए हैं जो आपके के लिए बहुत उपयोगी है। कक्षा 2 से लेकर 10 तक के विद्यार्थियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण बिषय हैं। लोकोक्तियों को कहावत (lokoktiyan or Kahavat) भी कहा जाता है, कहते हैं महापुरुषों द्वारा कहे गए कथन को लोकोक्तियां कहते हैं। बड़े बुजुर्गो द्वारा व आम जनता के द्वारा कही गई बातों को कहावत कहते हैं।
हिंदी लोकोक्तियाँ – Hindi lokoktiyan
शब्द – छोटी मुंह बड़ी बात,
अर्थ- अपनी स्थिति से बढ़ चढ़कर बोलना
शब्द- बासी बचें न कुत्ता खाएं
अर्थ- जरूरत के अनुसार ही सामान बनाना
शब्द- न नौ नगद न तेरह उधार
अर्थ- अनिश्चित अधिक से, निश्चित थोड़ा अच्छा
शब्द – बिच्छू का मंतर न जाने, साँप के बिल में हाथ डाले
अर्थ – मूर्खतापूर्ण कार्य करना।
शब्द- बिना रोए तो माँ भी दूध नहीं पिलाती
अर्थ – बिना यत्न किए कुछ भी नहीं मिलता।
शब्द – बिल्ली और दूध की रखवाली?
अर्थ – भक्षक रक्षक नहीं हो सकता।
शब्द – बिल्ली के सपने में चूहा
अर्थ – जरूरतमंद को सपने में भी जरूरत की ही वस्तु दिखाई देती है।
शब्द – बिल्ली गई चूहों की बन आयी
अर्थ – डर खत्म होते ही मौज मनाना
शब्द – बीमार की रात पहाड़ बराबर
अर्थ – खराब समय मुश्किल से कटता है।
शब्द – बुड्ढी घोड़ी लाल लगाम
अर्थ – व्यव के हिसाब से ही काम करना चाहिए।
शब्द – बुढ़ापे में मिट्टी खराब
अर्थ – बुढ़ापे में इज्जत में बट्टा लगना।
शब्द – बुढि़या मरी तो आगरा तो देखा
अर्थ – प्रत्येक घटना के दो पहलू होते हैं – अच्छा और बुरा
शब्द – रस्सी जल गई ऐंठन नहीं गई
अर्थ – सब नष्ट हो जाने पर भी अकड़ दिखाती रहना।
शब्द – आंख का अंधा नाम नयनसुख
अर्थ – स्थिति के विपरित नाम धारण करना
शब्द – सहज पके तो मीठा होय
अर्थ – उचित समय पर ही प्राप्त होने वाला फल सुखद होता
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लोकोक्तियाँ और उसका अर्थ
शब्द – बाँझ का जाने प्रसव की पीड़ा
अर्थ – पीड़ा को सहकर ही समझा जा सकता है।
शब्द – बाप से बैर, पूत से सगाई
अर्थ – पिता से दुश्मनी और पुत्र से लगाव।
शब्द – बासी कढ़ी में उबाल नहीं आता
अर्थ – काम करने के लिए शक्ति का होना आवश्यक होता है।
शब्द – बिच्छू का मंतर न जाने, साँप के बिल में हाथ डाले
अर्थ – मूर्खतापूर्ण कार्य करना।
शब्द – बिना रोए तो माँ भी दूध नहीं पिलाती
अर्थः बिना यत्न किए कुछ भी नहीं मिलता।
शब्द – बीमार की रात पहाड़ बराबर
अर्थ – खराब समय मुश्किल से कटता है।
शब्द – लिखे ईसा पढ़े मूसा
अर्थ – गंदी लिखावट।
प्रसिध्द लोकोक्तिया – Famous lokoktiyan
शब्द – अपनी पगड़ी अपने हाथ
अर्थ – अपनी इज्जत अपने हाथ होती है।
शब्द – अमानत में खयानत
अर्थ – किसी के पास अमानत के रूप में रखी कोई वस्तु खर्च कर देना
शब्द – अस्सी की आमद, चौरासी खर्च
अर्थ – आमदनी से अधिक खर्च
शब्द – अपनी-अपनी डफली, अपना-अपना राग
अर्थ – कोई काम नियम-कायदे से न करना
शब्द – अपनी करनी पार उतरनी
अर्थ – मनुष्य को अपने कर्म के अनुसार ही फल मिलता है
शब्द – अंत भला तो सब भला
अर्थ – परिणाम अच्छा हो जाए तो सब कुछ माना जाता है।
शब्द – अंधे की लकड़ी
अर्थ – बेसहारे का सहारा
शब्द – अपना रख पराया चख
अर्थ – निजी वस्तु की रक्षा एवं अन्य वस्तु का उपभोग
शब्द – अब की अब, जब की जब के साथ
अर्थ – सदा वर्तमान की ही चिन्ता करनी चाहिए
शब्द – अपनी नींद सोना, अपनी नींद जागना
अर्थ – पूर्ण स्वतंत्र होना
निष्कर्ष: इस लेख मे हमने प्रसिध्द 20 से अधिक लोकोक्तियाँ और उसका अर्थ जाना ( lokoktiyan in hindi), जो प्रतियोगी परिक्षाओ के लिये जरुरी होता है। अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओ मे ऐसे प्रश्न अधिक पूछे जाते है जैसे की मुहावरे, अनेक शब्द एक शब्द, लोकोक्तिया आदि, अत: अगर आप प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे है तो इन विषयों को ध्यान से देंखे।