sulekh in hindi– बच्चो के लिए लिखना पढ़ना सीखना काफी नहीं होता आवश्यक यह है कि कोई भी बच्चा अच्छी लिखावट के साथ गति से किसी भी वाक्य या शब्दों को लिखे।
इसलिए बच्चो की लिखावट, और अक्षर मात्रा की गति को सुधारने के लिए सुलेख लिखवाए जाते हैं। इससे छात्र, छात्रा के लेखन में तो सुधार होता ही है बल्कि इसके साथ ही उनके लिखने की तेजी भी बढती है।
सुलेख का अर्थ क्या है? – Meaning of Sulekh in Hindi
sulekh in hindi: सुलेख का मतलब साफ़ और सुंदर अक्षरों में लिखना और पढ़ना होता है। इससे लिखने और पढ़ने का अभ्यास होता है। सीधे शब्दों में कहें तो सुलेख लिखना एक कला है जो कि शिक्षकों द्वारा बोले गए शब्दों को समझ कर छात्रों द्वारा लिखे जाते हैं। इससे छात्रों को अक्षर और मात्रा समझने की चेतना जगती है और लिखने की गति, अक्षरों की बनावट और हैंड राइटिंग भी सुधरती है।
आधे अक्षर वाले सुलेख – Aadhe Akshar Vale Sulekh in Hindi
अस्तित्व, अस्पताल, आक्रमण, अक्टूबर, आत्मविश्वास, अस्वीकार, इस्तेमाल, एनिमल्स, कम्प्यूटर, गिरफ्तार, गिरफ्तारी, गुप्तचर, घनचक्कर, चंद्रशेखर, चक्रवात, चक्रव्यूह, चिकित्सक, जन्मदिन, जन्माष्टमी, जल्दबाजी, जिन्दाबाद, ज्योत्सना, दूरदर्शन, द्रव्यमान, द्रोणाचार्य, धन्यवाद, धर्मशाला|
नकारात्मक, परमात्मा, प्रजनन, प्रतिदिन, प्रतिवर्ष, प्रशिक्षण, भस्मासुर, मस्तिष्क, महत्वपूर्ण, महोत्सव, युधिष्ठिर, राजस्थान, लाभान्वित, वास्तुकार, व्यक्तिगत, व्यवस्था, व्हाट्सएप, शक्तिशाली, शुक्रवार, सम्प्रदाय, सम्भावना, सम्मेलन, हस्तक्षेप, हस्ताक्षर, हॉस्पिटल
आर्ट्स मे कौन-कौन सा विषय होता है? |
कक्षा 6 के लिये समान्य ज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न |
कमजोर बच्चों के लिये सुलेख |
तीन अक्षरों का सुलेख – Teen Akshar Vale Sulekh in Hindi
प्रकृति, मनुष्य,, पुण्य, प्रसून, पृथ्वी, विष्णु मंगलम गरुड़ध्वज, अर्जुन, श्लोक,वैदिक, वर्णन, प्रणाम स्वामी विवेकानंद, संविधान विशेषज्ञ, स्वीकृति साप्ताहिक समीक्षा स्वीकृति, मृत्यु, प्राप्त, कर्म, तात्पर्य, शुद्ध, पूर्ण व्यवहार
वृन्दावन, कृष्ण द्वैपायन व्यास, दिव्य ज्योति जाग्रति, संस्थान, स्वस्थ, जन्म द्वंद युद्ध, घृणा, ईश्वर उत्पन्न, सूर्य, हृदय, भविष्य, अतः, स्मरण शक्ति प्राप्त कर्म तात्पर्य, मूर्ख, भक्त स्पष्ट, अन्य।
चार अक्षरों के कठिन सुलेख – Char Akshar Vale Sulekh in Hindi
धार्मिकता, त्योहार, अव्यय, सम्भाल, सम्भव साहित्य व्याख्या, प्रारम्भ उपलब्धि, अंग प्रदर्शन अगस्त्य ऋषि ब्रह्माण्ड परमेश्वर वीरेन्द्र, चन्द्रशेखर अतिरिक्त, जीवात्मा, अध्यात्मिक, स्वतन्त्रता, प्रतिबिम्ब, अनुष्ठान, शरणागति,, सर्वोच्च न्यायालय उद्देश्य,, निष्क्रिय, पुण्यात्मा, जनसंख्या, सुसंस्कृत साहित्यकार, सम्बंधित, बुद्धिमान, अभिभावक, अनुकम्पा,, दुर्भाग्यपूर्ण
सुलेख के महत्व को समझें
शिक्षको का उद्देश्य अपने छात्रों को शुद्ध, सरल और प्रभावी भाषा सिखाना होता है। अगर सुलेख शुद्ध नहीं होता तो बच्चो में भाषा का ज्ञान अधुरा रह जाता है। इसलिए छोटे बच्चो की लिखावट सुधारने के लिए उन्हें सुलेख लिखवाए जाते हैं।
जब बच्चे छोटे होते हैं तो उनकी लिखावट को सुधारा जा सकता है। लेकिन जब बच्चे बड़े हो जाते हैं तो उनकी गलतियों और लिखावट को सुधारना बहुत मुश्किल हो जाता है। इसलिए बच्चो को छोटी कक्षा में सरल सुलेख लिखवाए जातें हैं और बड़ी कक्षा में कुछ कठिन शब्द बोले जाते हैं ताकि बच्चों को कठिन शब्द लिखने पढ़ने में दिक्कत न हो।
ऐसे ही कुछ कठिन शब्दों का सुलेख /सफलता तक डांट काम/के माध्यम से लेकर आएं हैं।जिसे आप सब पढ़कर लिखने का अभ्यास करें ताकि बच्चे शुद्ध बोल और लिख सके।