वाक्य शुद्धिकरण करना सीखें (हिंदी व्याकरण) | Vakya Shuddhi Kise Kahate Hain

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किसी भी भाषा के वाक्योंं का शुद्धिकरण करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि एक सही और स्पष्ट वाक्य पाठकों को समझने में मदद करता है और संदेश को सही ढंग से साझा करता है। हालांकि, कई लोग वाक्य शुध्दि को इग्नोर कर देते हैं जिससे उनका लेख व्याकरण मे हुई गलतियों के कारण लेख का सही अर्थ/भाव खो देता हैं।

Vakya Shuddhi

आज हम सब इस ब्लॉग पोस्ट में वाक्य शुद्धिकरण के महत्व को समझेंगे और कुछ उदाहरणों को भी समझेंगे, जो आपके वाक्यों को सुधारने में सहायता प्रदान करेगा।

वाक्य शुध्दिकरण कैसे करें – Vakya Shuddhi kaise kare

किसी भी भाषा की वाक्य एक महत्वपूर्ण इकाई होती है। जिसे लिखते या बोलते समय हमे इस बात का ध्यान देना चाहिए कि हमारे द्वारा लिखा या कहा गया वाक्य स्पष्ट एवं सार्थक हो, अर्थात उसमे व्याकरण सम्बंधि कोई त्रुटिया या गलतिया ना हो।

वाक्यो को लिखते वक्त हमे व्याकरण को विशेष ध्यान देना चाहिये जैसे कि उचित स्थान पर विराम-चिह्न, वाक्य-रचना में संज्ञा, सर्वनाम, सुव्यवस्थित वाक्य, विशेषण, क्रिया, अव्यय, आदि का सही प्रयोग, आइये इसे उदाहरण (vakya shuddhi exercises) से समझते है।

grammar Correction

सर्वनाम सम्बन्धी अशुद्धियाँ

अशुध्द – मेरे से मत पूछो।
शुध्द – मुझसे मत पूछो।

अशुध्द – मेरे को यह बात पसंद नहीं है।
शुध्द – मुझे यह पसंद नही है।

अशुध्द – वह सब भले लोग हैं।
शुध्द – वे सब भले लोग है।

विशेषण सम्बन्धी अशुद्धियाँ

अशुद्ध – हाथी दीर्घ काय पशु है।
शुद्ध – हाथी एक विशालकाय पशु है।

अशुद्ध – तुम लोग अपना लेख लिखो।
शुद्ध – तुम लोग अपना-अपना लेख लिखो।

अशुद्ध – अब महँगाई भारी मात्रा में बढ़ रही है।
शुद्ध – अब महँगाई बहुत बढ़ गई है।

अशुध्द – उसे भारी प्यास लगी है।
शुध्द – उसे बहुत प्यास लगी है।

अशुध्द – जीवन और साहित्य का घोर संबंध है।
शुध्द – जीवन और साहित्य का घनिष्ठ सम्बंध है।

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क्रिया सम्बन्धी अशुद्धियाँ

अशुद्ध – यद्यपि वह गरीब है, किन्तु संतुष्ट है।
शुद्ध – गरीब होने पर भी वह सन्तोषी है।

अशुद्ध – यदि तुम अधिक खाओगे तो बीमार पङ जाओगे।
शुद्ध – अधिक खाने से तुम बीमार पङ जाओगे।

अशुद्ध – यात्री खाने के सस्ते भोजनालय में गए।
शुद्ध – यात्री उस भोजनालय में गए जहाँ खाना सस्ता था।

कर्ता कारक सम्बन्धी अशुद्धियाँ

अशुद्ध – मैं लेख लिखा।
शुद्ध – मैंने लेख लिखा।

अशुद्ध – वह कहा कि मैं स्कूल में पढ़ आया।
शुद्ध – उसने कहा कि मैं स्कूल में पढ़ आया।

अशुद्ध – उस छोटी बच्ची ने रोया।
शुद्ध – वह छोटी बच्ची रोयी।

लिंग संबंधी अशुद्धियाँ

अशुध्द – उसने संतोष का मोबाइल ली।
शुध्द – उसने संतोष की मोबाइल ली।

अशुध्द- गरीमा ने जोर से हँस दिया।
शुध्द – गरीमा जोर से हँस दी।

अशुध्द- मुझे बहुत आनंद आती है।
शुध्द- मुझे बहुत आनंद आता है।

अशुध्द- वह धीमी स्वर में बोला।
शुध्द- वह धीमे स्वर में बोला।

कर्म कारक सम्बन्धी अशुद्धियाँ

शुद्ध – मुझे बहुत पुस्तकें पढ़नी पङती हैं।
अशुद्ध – महात्मा गाँधी जी ने हरिजन को सम्बल दिया।

शुद्ध – महात्मा गाँधी जी ने हरिजनों को संबल दिया।
अशुद्ध – दीनानाथ प्रतिदिन पाठशाला को जाता है।

करण कारक सम्बन्धी अशुद्धियाँ

अशुद्ध – गाँधी जी ने देश के लिए स्वतंत्रता दिलाई।
शुद्ध – गाँधी जी ने देश को स्वतंत्रता दिलाई।

काल किसे कहते है?
महत्वपूर्ण पर्यायवाची शब्द
वचन क्या है?
वर्णमाला किसे कहते है?

अपादान कारक सम्बन्धी अशुद्धियाँ

अशुद्ध – वह आज सवेरे का ऊब रहा है।
शुद्ध – वह आज सुबह से ऊब आ रहा है।

अशुद्ध – घासी गाँव का दूध लाकर लोगों को बेचता है।
शुद्ध – घासी गाँव से दूध लाकर लोगों को बेचता है।

अशुद्ध – वहाँ का घी शुद्ध होता है।
शुद्ध – वहाँ से लाया हुआ घी शुद्ध होता है।

उपर्युक्त उदाहरणो से हम यह समझ सकते है कि वाक्य शुद्धिकरण का अभ्यास करना आपके लेखों को एक नया और सुंदर आयाम देता है। सही वाक्य संरचना, ग्रामर नियमों का पालन और अच्छी बातचीत के माध्यम से आप अपने पाठकों के साथ अपने विचारो को पहुंचा सकते है।

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