संविधान क्या है? महत्व एवंं विशेषतायें | What is Constitution in Hindi

संविधान क्या है? – संविधान एक देश की संवैधानिक व्यवस्था का मूल निर्माणधार होता है। यह एक ऐसा विधान होता है जो एक देश के नागरिकों के अधिकार, कर्तव्य और दायित्वों का विवरण प्रदान करता है। संविधान के माध्यम से एक देश के संवैधानिक ढांचे, संस्थाओं और नियमों को निर्धारित किया जाता है।

संविधान क्या है?
संविधान क्या है?

संविधान क्या है?- savidhan kya hai

संविधान क्या है?- संविधान एक देश की राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक विकास की मूल बुनियाद होती है जो एक देश के संवैधानिक संरचना के रूप में काम करती है। भारत का संविधान भारतीय संविधान कहलाता है और यह भारत के नागरिकों के अधिकार, कर्तव्य और संरचना को निर्धारित करता है।

संविधान उन प्रावधानो का संग्रह है जिसके आधार पर किसी देश का शासन चलाया जाता है।

संविधान की परिभाषा / संविधान क्या है?

भारत का संविधान डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने लिखा था। वे भारतीय संविधान के संपादक भी थे और संविधान संशोधन कमेटी के अध्यक्ष भी थे। संविधान निर्माण की प्रक्रिया 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद शुरू हुई और भारत संविधान सभा के रूप में जानी जाती है।

संविधान सभा में सदस्यों की एक चयनित विधायिका मंडली ने संविधान निर्माण की प्रक्रिया में सहायता की थी। संविधान निर्माण की प्रक्रिया 26 जनवरी 1950 को समाप्त हुई और उस दिन संविधान भारत के राजनीतिक और संवैधानिक इतिहास का महत्वपूर्ण एक घटना थी।

मौलिक अधिकार क्या है – maulik adhikar kya hai

मौलिक अधिकार (Fundamental Rights) एक व्यक्ति के अधिकारों की श्रृंखला होती है जो उसे संवैधानिक रूप से सुरक्षित करती है। ये अधिकार एक व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता, और समानता को संरक्षित करते हैं और उसे उसकी स्वतंत्रता और अधिकारों के विरुद्ध किए जाने से बचाते हैं।

मौलिक अधिकार एक संवैधानिक देश में नागरिकों के अधिकारों को संरक्षित करते हैं। भारत के संविधान में मौलिक अधिकार का वर्गीकरण अनुच्छेद 12 से अनुच्छेद 35 तक है और ये सभी भारत के नागरिकों को उनकी संवैधानिक अधिकारों की गारंटी देते हैं।

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सभी मौलिक अधिकारो के नाम

भारतीय संविधान में मौलिक अधिकार के कुल 6 वर्ग हैं। इन वर्गों के अंतर्गत निम्नलिखित मौलिक अधिकार शामिल हैं:

  1. समानता का अधिकार : अनुच्छेद 14 से 18 तक।
  2. स्वतंत्रता का अधिकार : अनुच्छेद 19 से 22 तक।
  3. शोषण के विरुध अधिकार : अनुच्छेद 23 से 24 तक।
  4. धार्मिक स्वतंत्रता क अधिकार : अनुच्छेद 25 से 28 तक।
  5. सांस्कृतिक तथा शिक्षा सम्बंधित अधिकार : अनुच्छेद 29 से 30 तक।
  6. संवैधानिक उपचारों का अधिकार : अनुच्छेद 32।

Note – भारत के मूल संविधान मे कूल 7 प्रकार के मौलिक अधिकार थे। लेकिन 44वां संविधान संसोधन 1978 के द्वारा सम्पत्ति का अधिकार, मौलिक अधिकार से हटा दिया गया।

Note – 86वां संविधान संसोधन 2002 के द्वारा अनुच्छेद 21(A) जोडा गया, और इसके द्वारा शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाया गया।

आज हमने इस लेख मे संविधान क्या है? और संविधान के मौलिक अधिकार कौन-कौन से है जाना, यह लेख आपके लिये कितना शिक्षाप्रद रहा, कमेंट मे हमे जरुर बताये।

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