टॉरनेडो (Tornado) एक तेज़ हवा का चक्कर होता है जिसे बवंडर भी कहा जाता है यह वायुमंडलीय दबाव और ऊचाई की तेज़ वृष्टि के कारण उत्पन्न होता है। इसका निर्माण बसंत व ग्रीष्मकाल में दोनो मे हो सकता है। जो एक प्रकार की प्राकृतिक आपदा है आपको बता दू जहाँ टॉरनेडो उत्पन्न होते है वहाँ चारों ओर के क्षेत्र बड़े प्रभावित होते है।
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टॉरनेडो (बवंडर) क्या है? (Tornado kya hai)
Tornado: टॉरनेडो अत्यंत प्रचंड, विस्फोटक एवं विध्वंसकारी स्थानीय तूफान होते हैं जो कि अल्प समयावधि के लिये सीमित क्षेत्र में आते हैं। इनका ऊपरी भाग छतरीनुमा तथा निचला भाग पाइप के आकार का होता है जिसका धरातल से स्पर्श बना रहता है। ये सभी वायुमंडलीय तूफानों में छोटे आकार के किंतु सर्वाधिक विनाशकारी प्रभाव वाले होते हैं तथा इनका ऊपरी भाग कपासी वर्षा मेघों से आच्छादित रहता है।
टॉरनेडो उत्पत्ति की दशाएँ: टॉरनेडो की उत्पत्ति एवं विकास हेतु निम्नलिखित आदर्श दशाएँ होनी चाहिए
- धरातलीय सतह से ऊपर वायु का अपसरण
- धरातलीय सतह के निकट वायु का तीव्र अभिसरण
- वायु का लंबवत् संचलन
- ऊँचाई के साथ तापमान में तेजी से परिवर्तन
- सतह पर चक्रवात जनन की दशा आदि।
टॉरनेडो कैसे बनता है? (Tornado Kaise Banata hai)
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बवंडर कैसे बनता है? : सामान्यतः टॉरनेडो का निर्माण बसंत व ग्रीष्मकाल में होता है। जब ग्रीष्मकाल में धरातलीय सतह पर संवहनीय क्रिया के फलस्वरूप अत्यंत न्यून वायुदाब का केंद्र बन जाता है तब चारों तरफ के उच्च वायुदाब वाले क्षेत्रों से वायु निम्न दाब केंद्र की ओर अग्रसर होती है। चूंकि केंद्र तथा बाहय भाग के मध्य दाब प्रवणता अत्यधिक होती है जिस कारण इन हवाओं का वेग भी बहुत अधिक होता है। ये तीव्र वेगमयी हवाएँ तूफान भंवर (Vortex of storm) में फंसकर घूर्णन करते हुए तेजी से ऊपर उठती है जिससे कीप सदृश आकार वाले टॉरनेडो का निर्माण हो जाता है।
इसी प्रकार जब ये घूर्णित वेगमयी हवाएँ और अधिक ऊपर पहुँचती हैं तो रुध्दोष्म (Adiabatic) ताप पतन दर से ठंडी होने लगती हैं और कपासी बादल एवं तड़ित झंझा का निर्माण व विकास करती हैं। ये उत्तरी गोलार्द्ध में वामावर्त व दक्षिण गोलार्द्ध में दक्षिणावर्त होते हैं। ऐसा कोरिओलिस बल के कारण होता है।
टॉरनेडो की विशेषताएँ (Characteristics of Tornado in Hindi)
- टॉरनेडो (Tornado) प्रचंड वेगयुक्त घूर्णित वायु के तंत्र होते हैं, जिनमें ऊपरी वायु धरातलीय सतह की वायु को तीव्र गति से अपनी ओर खींचती है, जिससे इस ऊर्ध्व संचरित वायु के प्रभावस्वरूप संवहनीय अस्थिरता उत्पन्न हो जाती है।
- सामान्यतः इनके केंद्र में अत्यंत न्यून वायुदाब होता है जबकि बाहरी भाग में सापेक्षिक रूप से अधिक (लगभग 100 mb का अंतर)।
- टॉरनेडो के केंद्र व परिधीय भाग के मध्य अत्यधिक दाव प्रवणता के परिणामतः तीव्र वेगमयी वायु परिधि से केंद्रीय भाग की ओर संचरित होती है, जिसका वेग 400 से 800 किमी./घंटा तक प्राप्त होता है।
- टॉरनेडो का संबंध सदैव तड़ित झंझा से होता है क्योंकि इनमें केंद्र की ओर प्रवाहित तीव्र वेगयुक्त हवाएँ तूफान के भँवर (Vertex of Storm) में फँसने के कारण वायु तेजी से ऊपर की ओर ढकेल दी जाती हैं जो शुष्क एडियाबेटिक दर से ठंडी होकर तड़ित झंझा (Thunderstorm) का निर्माण करती हैं।
- टॉरनेडो के गमन करने की दिशा, मार्ग एवं गति निश्चित नहीं होती हैं। ये कभी 40-100 कि.मी./घंटा की दर से संकीर्ण मार्ग पर आगे बढ़ते हैं। टॉरनेडो कई बार शून्य गति के कारण स्थान विशेष पर स्थायी हो जाते हैं।
- इनके विशाल व लंबे समय वाले तूफान को सुपरसेल कहते हैं।
- इनका जीवनकाल अल्पावधिक (सामान्यतः 15-20 मिनट) होता है।
- टॉरनेडो के साथ धूल, रेत, राख, मलबा आदि की प्रचुरता होने के कारण इनका रंग अत्यंत भूरा व काला होता है।
- इनके आगमन से पूर्व आकाश में गहन मेघाच्छादन हो जाता है जिससे दृश्यता घट जाती है।
टॉरनेडो का विश्व-वितरण (World Distribution of Tarnado)
- टॉरनेडो (Tornado) का विकास ध्रुवीय क्षेत्रों को छोड़कर विश्व के किसी भी भाग में हो सकता है। सामान्य तौर पर ये मध्य अक्षांशों में उत्पन्न होते हैं।
- ये 20°N/S-60°N/S के बीच महाद्वीपों पर सामान्यतः ज्यादा देखे जाते हैं।
- टॉरनेडो का सर्वप्रमुख जनन क्षेत्र संयुक्त राज्य अमेरिका है जहाँ रॉकी पर्वत के पूर्व में एवं महान झील प्रदेश में अप्रैल से सितंबर तक इनके निर्माण की सर्वाधिक उपयुक्त दशाएँ पाई जाती हैं।
- यू.एस.ए. के अतिरिक्त ऑस्ट्रेलिया, यू.के. जर्मनी, फ्राँस, भारत आदि में भी टॉरनेडो आते हैं। भारत में इन्हें ‘बवंडर’ कहा जाता है। जब टॉरनेडो समूह में चलते हैं तो उसे यू.एस.ए. में ‘टॉरनेडो परिवार’ कहते हैं।
- नोटः इसके फुजिता स्केल (एफ. स्केल) से मापा जाता है। इनके बारे में जानकारी के लिये उपग्रह सेंसर, डाप्लर सिद्धांत व रडार तकनीकी, मौसमी गुब्बारा और कंप्यूटर मॉडलिंग का प्रयोग किया जाता है।
वर्ष 2023 में टॉरनेडो से प्रभावित क्षेत्र
- अमेरिका के लिटिल रॉक अरकंसास और पड़ोसी शहरों में 31 मार्च, 2023 को एक भयंकर टॉरनेडो आया जिसमें कई लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए, वहीं बंवडर से कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं।
- हाल ही में 15 जून, 2023 को अमेरिका (USA) में आए टॉरनेडो चक्रवात ने कोहराम मचा दिया। टॉरनेडो के कारण वहाँ बहुत-से घर-मकान तहस-नहस हो गए, बिजली के खंभे व वृक्ष टूटकर गिर गए, गाड़ियाँ उड़कर अन्यत्र पहुँच गईं। टॉरनेडो ने ओकलाहोमा और टेक्सास राज्यों में बड़ी क्षति पहुँचाई। इसमें 3 लोगों की मौत हुई और सैकड़ों लोग घायल हुए।
- अमेरिका के दक्षिण-पूर्वी राज्य मिसीसिपी में 24 मार्च, 2023 को आए विनाशकारी टॉरनेडो ने जमकर तबाही मचाई, जिससे जान-माल दोनों की क्षति हुई। इसके दौरान लगभग 23 लोगों की मौत हो गई, कई दर्जन लोग घायल हो गए, 4 से अधिक लोग लापता हो गए और कई इमारतें ढह गईं। इसके अलावा भयंकर तूफान के चलते 1 लाख से अधिक घरों में बत्ती गुल हो गई थी।
- मिसीसिपी आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी के मुताबिक टॉरनेडो की रफ्तार 160 किमी. प्रति घंटे से अधिक थी। मिसीसिपी के अलावा इसका प्रभाव अलबामा और टेनेसी राज्यों में भी देखा गया।
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मेरा नाम तनुश्री (Owner) है मै उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले की रहने वाली हू, मैंने शिक्षा मे Polytechnic किया है और वर्तमान मे B.Tech और आर्टिकल लिखने का कार्य कर रही हू मै यहाँ Technology & GK के साथ-साथ अन्य विषयों पर आर्टिकल लिखना पसंद करती हू।