bhukamp kya hai: भूकंप को अंग्रेज़ी में “earthquake” कहा जाता है, यह एक प्राकृतिक घटना है जो जमीन के असामान्य रूप से हिलने या ज़मीन की सतह में तेज़ी से होने वाले बड़े परिवर्तन के कारण होती है। समान्यत: भूकम्प आने का मुख्य कारण प्राकृतिक ही होता है लेकिन वर्तमान मे मानव जनित कार्यों से भी भूकम्प आने की संभावना बढी है आज हम इस लेख में भूकंप क्या है? कैसे उत्पन्न होता है? तथा इसके प्रकार जानेंगे.
भूकंप क्या है? (bhukamp kya hai)
पृथ्वी के अन्तर्जात बलों का भूपृष्ठ पर असामान्य कम्पनो के रूप में प्रदर्शन ही भूकंप (Bhukamp) होता है सामान्य भाषा में समझे तो भूपृष्ठ का असामान्य कम्पन भूकंप कहलाता है यह क्रिया प्राकृतिक अथवा मानव जनित दोनों हो सकता है इससे बड़े पैमाने पर विनास की संभावना होती है.
भूकंप के कारण (bhukamp ke karan)
हमे मालूम है कि भूकम्प एक प्राकृतिक घटना है जिसमें ज़मीन की सतह पर तेज़ हलचल होती है। यह हलचल टेक्टोनिक प्लेट्स के आपसी संघर्ष, ज्वालामुखी की सक्रियता, सोनामी तथा मानव गतिविधियों से हो सकती है। सामान्यत: भूकंप के 2 प्रमुख कारण होते है।
- प्राकृतिक भूकंप
- मानव जनित भूकंप
प्राकृतिक भूकंप- जब प्राकृतिक कारणों जैसे – ज्वालामुखी, प्लेटो की गतिया, भ्रंशन, भू-स्खलन आदि की क्रियायो के घटित होने से, जो भूकम्प आता है उसे प्रकृतिक भूकम्प कहते है साथी प्रकृतिक भूकम्प के अंतगर्त पृश्वेत्तर भूकम्प भी आता है, जब हमारे पृथ्वी से आकाशीय पिण्डो जैसे उल्कापिण्ड या अन्य एस्ट्रोआइड का पृथ्वी से टकराव होता है तो, इस परिस्थित मे भी भूकम्प आने की संभावना अधिक हो जाती है इसे पृश्वेत्तर भूकम्प कहा जाता है.
मानव जनित भूकम्प – जब मानव जनित कारणो जैसे – परमाणु बम परीक्षण, अधिक बांध, खनन क्षेत्र मे विस्फोट, किया जाता है तो भूकम्प उत्पन्न होने की संभावना अधिक हो जाती है, इन क्रियाकलापो द्वारा उत्पन्न भूकम्प को मानव जनित भूकम्प कहते है.
भूकंप के प्रकार (Bhukamp ke prakar)
- उत्पत्ति क्षेत्र के आधार पर
- प्रायद्वीपीय
- अन्तःसमुद्री
- प्राकृतिक
- मानव जनित
- भूकंप के गहराई के आधार पर
उपर्युक्त दिये गये प्रकारो मे आप उत्पत्ति के आधार पर, प्राकृतिक आधार पर और मानव जनित आधार से परिचित है नीचे आप भूकम्प की गहराइयो के आधार पर भूकम्प को समझ सकते है।
जब भूकम्प 0 किमी० से 50 से 70 किमी० के बीच होता है तो इसे छिछला भूकम्प कहते है तथा जब 50-70किमी० से 350 किमी० के बीच होता है तो इसे माध्यमिक भूकम्प कहते है तथा जब भूकम्प 350 किमी० से 700 किमी० तक के गहराई मे होता है तो इसे गहरा भूकम्प कहते है। आपको जानना चाहिए कि छीछला भूकम्प गहरे भूकम्प की तुलना मे अधिक विनाशक होता है।
भूकंप के नुकसान / नकारात्मक प्रभाव (Bhukamp ke Nukasan)
- मानव जीवन व् सम्पत्ती का क्षति
- मृदा द्रवण
- अग्निकाण्ड
- सूनामी
- अवसंरचनाओ का विनास
- अफवाह तंत्र में परिवर्तन
- सामाजिक आरती चुनौतिया
- हिम स्खलन
भूकंप के सकारात्मक प्रभाव / फायदे (Bhukamp ke fayade)
- पृथ्वी के आतंरिक संरचना का ज्ञान
- सतह पर भ्रंश का निर्माण
- मृदा का निर्माण
- महासागरो में नए द्वीपों का निर्माण
- तटीय क्षेत्रो में धसाव के कारण बंदरागाहो का निर्माण आसान